Tuesday, 12 April 2011

                    चीन का दखल बंद करो, पतंग माँझा कारीगरों को बचाओ







                                          ----Harish Patel---
आसमान में उड़ती रंग बिरंगी पतंगे सदियों से हमारे समाज का हिस्सा रही है किसी
भी प्रान्त में चले जाये हर जगह किसी न किसी मौके पर पतंगे आसमान में उड़ती जरूर
दिख जायगी! 1947 से लेकर आज तक आज़ादी के जश्न स्वरुप हर साल 15  अगस्त  को लाल
किले के मैदान से हजारो पतंगे उड़ाई जाती है! पतंग उड़ने के खेल में जितनी एहमियत
पतंग की है उतनी ही एहमियत  डोर की भी है पतंग उड़ने के साथ पेच लड़ाने की
स्पर्धा भी पैदा हुई इसके लिए एक खास  प्रकार के धागे का जन्म हुआ जिसको माँझा
कहते है पुरे देश में पतंग माँझा निर्माण का सबसे बड़ा केंद्र बरेली है! यू तो
बरेली के अलावा रामपुर मुरादाबाद लखनऊ दिल्ली गुजरात समेत कई जगह पतंग माँझा
बनाया जाता है लेकिन पूरे देश में बरेली के पतंग माँझा की मांग सबसे ज्यादा रही
है बरेली के कुशल कारीगरों के हाथ से तैयार पतंग माँझा पूरे देश में बरेली से
भेजा जाता है एक सर्वे के अनुसार बरेली में करीब तीस हज़ार परिवारों की आजीविका
इस काम से जुड़ी  है यह आवादी करीब 1.5 लाख है पूरे देश के बाकी कारीगरों को भी
जोड़ दे तो ये संख्या करीब तीन लाख हो जाती है! हस्त निर्मित मांझे और पतंग के
कारोबार पर आजीविका के लिए निर्भर तीन लाख लोगो के रोजगार पर पिछले एक साल से
संकट मंडरा रहा है! ये संकट है फैक्ट्री निर्मित चीनी मटेलिक मांझे का! हस्त
निर्मित मांझे की तुलना में चौथाई कीमत पर मिल रही चीनी मांझे ने बाज़ार पर
अपनी ज़बरदस्त पकड़ बना ली है!
             पूरे देश में जगह जगह चीनी मटेलिक मांझे पर रोक लगाने की मांग उठ रही है
कैमिकल एवं धातुओ के अंश के मिश्रण  से तैयार इस मांझे के कारण कई
जगह दुर्घटनाए हुई है! रासायनिक एवं लौह  तत्व होने के कारण इससे बिजली का करंट
लगने का खतरा है! तमाम खतरों के बाद भी सरकार की ओर से इसे प्रतिबंधित न करना
पतंग माँझा कारीगरों के प्रति सरकार की उदासीनता को दिखाता है! गुजरात सरकार की
तरफ से चीनी माँझा पर रोक और पतंग महोत्सव जैसे आयोजनों ने कुछ हद तक कारीगरों
की बर्बादी को रोका है!
          देश में मौजूद तमाम नागरिक संगठनो , स्वयं सेवी संस्थाओ द्वारा चीनी मटेलिक
मांझे का विरोध किया जा रहा है अगर चीनी मांझे पर रोक नहीं लगायी गयी तो
आने बाले दिनों में लाखो लोगो की बेरोज़गारी तय